सीएम धामी ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को बताया, लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम।

संयुक्त संसदीय समिति के साथ संवाद कार्यक्रम में रखे अपने विचार, बताया इससे राज्यों की प्रशासनिक मशीनरी को मिलेगी मजबूती

One Nation One Election: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने “एक देश-एक चुनाव” विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में संयुक्त संसदीय समिति के साथ विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने समिति के अध्यक्ष श्री पी. पी. चौधरी समेत सभी सदस्यगणों का गर्मजोशी से स्वागत एवं अभिनंदन किया।

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ‘एक देश-एक चुनाव’ की अवधारणा भारतीय लोकतंत्र को अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनाव प्रणाली मजबूत होने के बावजूद, बार-बार चुनाव होने से राज्य की विकास प्रक्रिया बाधित होती है।

बार-बार लगने वाली आचार संहिता से प्रभावित होता है शासन तंत्र

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते तीन वर्षों में विधानसभा, लोकसभा और निकाय चुनावों के चलते राज्य में करीब 175 दिन आचार संहिता प्रभावी रही। इससे प्रशासनिक मशीनरी नीति निर्माण की प्रक्रिया से वंचित रही, जो सीमित संसाधनों वाले राज्य के लिए बड़ी चुनौती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो राज्य और केंद्र दोनों का खर्च आधा-आधा होगा। इससे कुल चुनावी खर्च में 30 से 35 प्रतिशत तक की बचत होगी, जिसे स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, जल, कृषि और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जा सकता है।

उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों में ‘एक देश-एक चुनाव’ ज्यादा उपयोगी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में मतदान केंद्रों तक पहुंचना कठिन होता है। इससे न केवल समय और संसाधन अधिक लगते हैं, बल्कि मतदाताओं में बार-बार चुनाव के प्रति रुचि भी कम हो जाती है, जिससे मतदान प्रतिशत में गिरावट आती है।

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सीएम ने सुझाव दिया कि उत्तराखंड में जून से सितंबर के दौरान चारधाम यात्रा और बारिश का समय होता है, जबकि जनवरी से मार्च तक वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही और बोर्ड परीक्षाएं होती हैं। ऐसे समय में चुनावी प्रक्रिया से राज्य को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह सभी कारक “एक देश-एक चुनाव” को और अधिक प्रासंगिक बनाते हैं।

एक साथ चुनाव से न केवल संसाधनों की बचत होगी, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था भी होगी सशक्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट रूप से बताया कि “एक देश-एक चुनाव” से न केवल वित्तीय बचत होगी, बल्कि यह लोकतंत्र को अधिक सशक्त और व्यवस्थित बनाएगा, विशेषकर उत्तराखंड जैसे राज्यों के लिए जो संसाधनों और भौगोलिक स्थितियों की दृष्टि से संवेदनशील हैं।

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